यकीन
नहीं होता? पर ये सच
है। पुणे की अमृता पोत्दार को बचपन से ही इन सब का ज्ञान है। आपका कुत्ता,
बिल्ली, तोता, गाय या कोई भी अन्य पशु-पक्षी, जलचर हो, थलचर हो या नभचर हो, वो सबसे बात कर सकती हैं। देश-विदेश में साढ़े तीन सौ से भी ज्यादा
लोग अमृता की सेवाओं से गद्गद् हैं और सोशल मीडिया पर अमृता पोत्दार और अपने अनुभवों
को साझा करते नहीं अघाते। अमृता पोत्दार ने 20 साल तक बडे़ उद्योग कंपनियों
में उच्च पद पर रहकर कार्य किया। लेकिन इन सबको छोड़कर वह पशु-पक्षियों की सेवा में
जुट गईं और पहले स्वयं पशु-पक्षियों से बातें करनी शुरू की,
बाद में फेसबुक पेज ‘Thesoulconnect’ के माध्यम
से अन्य लोगों की सहायता करनी शुरू की।
उदाहरण
के तौर पर दिल्ली में ही रहने वाली एक महिला दीपिका का प्रिय कुत्ता खो गया था। उनहोंने बहुत ढूंढा, विज्ञापन
निकलवाऐ और 1 लाख रूपये का ईनाम भी घोषित किया, पर वह कुत्ता नहीं मिला। तब किसी ने दीपिका को अमृता पोत्दार
के बारे में बताया। अमृता ने फोन पर सारी आवश्यक जानकारी ली और दो-तीन दिन के बाद दीपिका
को बताया कि वह कुत्ता दक्षिणी दिल्ली की झुग्गियों में एक परिवार के साथ रह रहा है।
अमृता के बताए संकेतों (जैसे- जिस लड़के के पास वह कुत्ता है,
उसके बालों का रंग व ढंग) के आधार पर वह कुत्ता मिल गया। अमृता
को उस कुत्ते ने आत्मा से आत्मा के संवाद द्वारा बताया कि उसे किसी व्यक्ति द्वारा
गाड़ी में पकड़कर जंगल में छोड़ दिया गया था। तभी उस पर झुग्गियों में रहने वाले एक लड़के
की नजर पड़ी, जो उसे अपनी
झुग्गी में ले गया और उसे पाल रहा है। है ना अचंभे की बात? कुत्ता मिलने के बाद अमृता ने उनसे किसी तरह का ईनाम नहीं लिया।
एक
और घटना फ्रांस के साउथ ईस्ट की है, जहां रहने वाले एक परिवार की पालतू बिल्ली घर से चली गई थी।
परिवारीजनों ने बिल्ली को खूब ढूंढा, वो नहीं मिली। किसी तरह उन्हें अमृता के बारे में पता चला,
तो उन्होंने संपर्क करके बिल्ली की सारी आवश्यक जानकारी अमृता
से साझा की। अमृता ने अपनी मानसिक शक्ति के माध्यम से बिल्ली की आत्मा से संपर्क साधा
और बिल्ली की गतिविधयों की जानकारी परिवार को देती रही। यह प्रक्रिया छह दिनों तक चली।
जिसमें अमृता प्रतिदिन शाम को बिल्ली से मानसिक संपर्क कर, बिल्ली के स्थान का पता लगाती और परिवारीजनों को सूचित करती।
जिसके चलते वे वहां-वहां पहुँचते। इस तरह पाँचवे दिन अमृता ने बताया कि उनकी बिल्ली
अमुक स्थान पर एक भूरी बिल्ली के साथ है। इस तरह परिवारीजन उक्त स्थान पर पहुँचे,
उन्हें बिल्ली दिखी लेकिन उनके हाथ नहीं लगी। तब अमृता ने बताया
कि बिल्ली उनसे डर कर भाग रही है। अमृता ने बिल्ली की आत्मा से संपर्क साधा और कहा
कि वह अब कहीं और न जाए, वहीं रूकी रहे। छठवें दिन जब परिवारीजन उक्त स्थान पर पुनः पहुँचे,
तो उन्हें उनकी बिल्ली वापिस मिल गई।
अक्सर
खो जाने वाले पालतू पशु-पक्षियों को अमृता अपनी इसी दुर्लभ शक्ति के द्वारा ढूंढ निकालती
है। अमृता बचपन से ही पशु-पक्षियों की मदद व सेवा में रूचि ले रही है। इस सेवा के बदले
वह इन लोगों से कुछ फीस वसूलती है, जिसे वह अपनी सामाजिक सेवाओं में खर्च करती है।
टेलीफोन
पर हुई वार्ता में अमृता ने बताया कि इस दुर्लभ शक्ति से संपन्न इस दुनिया में वह अकेली
नहीं है। भारत और अन्य देशों में ऐसे काफी लोग हैं, जिन्हें ‘ऐनीमल कम्युनिकेटर’ कहते हैं। जो किसी भी पशु या पक्षी से ठीक वैसे ही बात कर सकते
हैं, जैसे हम और आप करते हैं।
अमृता
ने बताया कि यह गुण जन्मजात होता है और अभ्यास से निखर जाता है। जिसके लिए उन्होंने
कठिन परिश्रम किया है।
आज
के वैज्ञानिकता के दौर में जब हर चीज को प्रमाण और तर्क की कसौटी पर कसा जाता है,
अमृता जैसी चमत्कारिक प्रतिभाऐं भी मौजूद हैं,
जो अपनी दुर्लभ शक्ति से उन तमाम लोगों का दुख दूर कर सकती हैं,
जिन्हें पशु-पक्षियों को अपनी बात कहनी हो या उनकी बात समझनी
हो, जिनका प्रिय पालतू पशु
उन्हें छोड़कर चला गया या फिर अपने उद्दंड स्वभाव के कारण अपने स्वामी को लगातार परेशान
करता रहता है। जब अमृता पशुओं से बड़ी सहजता से बातें करती है और उसके रूखे व्यवहार
का कारण पूछती है, तो
उस पशु के मालिक को आश्चर्य होता है, जानकर कि इतनी सहज सी बात भी वे समझ नहीं पाए और तब वे अमृता
का बार-बार आभार व्यक्त करते हैं कि उसने उनकी बहुत बड़ी समस्या चुटकियों में दूर कर
दी।
No comments:
Post a Comment